विधाता का विधान: जन-जन के प्रिय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरिराज प्रसाद तिवारी का देहावसान"

राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का 105 वर्ष की आयु में निधन। एक युग का अंत, प्रदेश में शोक की लहर। उनके जीवन और योगदान पर एक विस्तृत रिपोर्ट।

विधाता का विधान: जन-जन के प्रिय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरिराज प्रसाद तिवारी का देहावसान"

विधाता का विधान: जन-जन के प्रिय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरिराज प्रसाद तिवारी का देहावसान 🕊️

 

राजस्थान की माटी ने आज अपना एक अनमोल रत्न खो दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, भरतपुर के वरिष्ठ नेता और जन-जन के प्रिय, गिरिराज प्रसाद तिवारी जी, 105 वर्ष की आयु में इस नश्वर संसार को अलविदा कह गए। उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। एक युग का अंत हो गया, एक ऐसे व्यक्तित्व का अंत हो गया जिन्होंने अपना जीवन समाज सेवा और राजनीति को समर्पित कर दिया। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।

 

एक युग का अंत: शोक में डूबा राजस्थान 🥀

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का जीवन एक खुली किताब की तरह था। उन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से उठकर प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी सादगी, ईमानदारी और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें हर दिल में जगह दी। वे न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गिरिराज प्रसाद तिवारी जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि तिवारी जी का निधन प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि उनका संयमित और प्रेरणादायक जीवन सभी के लिए एक उदाहरण था। 🎨 "इतनी उम्र में भी उनकी जिंदादिली और तेज स्मरणशक्ति लोगों को प्रभावित करती थी।"

 

अंतिम संस्कार: पैतृक गांव में उमड़ा जनसैलाब 💐

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव बिड्यारी, बयाना में किया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। हर कोई उस महान आत्मा को श्रद्धांजलि देना चाहता है जिसने अपना जीवन जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी: एक जीवन यात्रा 📜

 

1920 में जन्मे गिरिराज प्रसाद तिवारी जी का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और धीरे-धीरे राजनीति की ओर कदम बढ़ाया। वकालत के क्षेत्र में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई और उसके बाद सार्वजनिक जीवन में लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया।

 

वकालत से राजनीति तक: एक सफर 💼

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी ने वकालत के पेशे में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में सफलता हासिल की और अपनी कुशलता के लिए जाने गए। लेकिन उनका मन हमेशा समाज सेवा में लगा रहता था। इसलिए उन्होंने वकालत छोड़कर राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया।

 

राजनीतिक जीवन और योगदान 🏛️

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी ने स्थानीय स्तर पर प्रधान और जिला प्रमुख के पद पर रहते हुए जनसेवा का कार्य किया। इसके बाद वे दो बार विधायक चुने गए और जनता के मुद्दों को मजबूती से विधानसभा में उठाया। उन्होंने हमेशा गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के हितों के लिए आवाज उठाई।

उनका सबसे अहम कार्यकाल 1985 से 1990 तक रहा, जब वे राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए। इस दौरान उनकी निष्पक्षता, संयम और नेतृत्व कौशल की व्यापक सराहना हुई। उन्होंने सदन की गरिमा और परंपराओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 🎨 "उन्होंने हमेशा सदन में मर्यादा और अनुशासन का पालन किया और सभी सदस्यों को समान अवसर दिया।"

 

विधानसभा अध्यक्ष के रूप में यादगार कार्यकाल 🌟

 

 

  • निष्पक्षता: उन्होंने हमेशा निष्पक्षता से काम किया और किसी भी सदस्य के साथ भेदभाव नहीं किया।


 

  • संयम: उन्होंने सदन में हमेशा संयम बनाए रखा और किसी भी सदस्य को उत्तेजित नहीं होने दिया।


 

  • नेतृत्व कौशल: उन्होंने सदन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया और सभी सदस्यों को साथ लेकर चले।

 

 

जनसेवा का संकल्प: एक प्रेरणादायक उदाहरण 🙏

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने हमेशा गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की मदद की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। वे एक सच्चे समाजसेवी थे और उनके कार्यों से लाखों लोगों को प्रेरणा मिली।

 

प्रदेश में शोक की लहर: श्रद्धांजलि का तांता 😥

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी के निधन की खबर सुनते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। लोग उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। हर कोई उस महान आत्मा को याद कर रहा है जिसने अपना जीवन जनता की सेवा में समर्पित कर दिया।

 

  • राजनीतिक गलियारों में शोक: उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर है। सभी दलों के नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है।


 

  • सामाजिक संगठनों द्वारा श्रद्धांजलि: कई सामाजिक संगठनों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है।


 

  • आम जनता में शोक: आम जनता भी उनके निधन से दुखी है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है।

 

 

एक प्रेरणादायक विदाई: हमेशा याद आएंगे तिवारी जी 🕊️

 

गिरिराज प्रसाद तिवारी जी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और आदर्श हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। उन्होंने अपना जीवन जिस तरह से समाज सेवा और राजनीति को समर्पित किया, वह हम सभी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

🎨 "वे हमेशा याद आएंगे, एक सच्चे जनसेवक के रूप में, एक कुशल राजनेता के रूप में, और एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में।"

उनकी स्मृति को शत शत नमन।

*"कर्म ही पूजा है, और जनता ही जनार्दन।"*

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