'योगी' प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी के 75वें वर्ष में, उपवास और संयम का जीवन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो गए हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा और फिटनेस आज भी युवाओं को प्रेरित करती है। जानिए उनके उपवास और संयम के जीवन के बारे में, जो उन्हें स्वस्थ और सक्रिय रखता है।

'योगी' प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी के 75वें वर्ष में, उपवास और संयम का जीवन

'योगी' प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी के 75वें वर्ष में, उपवास और संयम का जीवन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एक ऐसा नाम जो आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व में गूंजता है। 75 वर्ष की आयु में भी उनकी ऊर्जा, उनकी सक्रियता, और उनका तेज युवाओं को भी प्रेरित करता है। उनकी फिटनेस का राज क्या है? क्या है वो डाइट सीक्रेट, जो उन्हें इतना स्वस्थ रखता है? जवाब है - संयम और उपवास।

 

उपवास: केवल त्याग नहीं, अनुभूति का मार्ग 

अक्सर हम उपवास को केवल भोजन के त्याग के रूप में देखते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए, उपवास एक साधना है, एक अनुभूति है। लेक्स फ्रिडमैन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने उपवास के अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे उपवास के दौरान उनकी इंद्रियां और भी अधिक सजग हो जाती हैं।

🎨 "उपवास के दौरान, आपकी सूंघने, छूने, और स्वाद लेने की क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि आप पानी को भी सूंघ सकते हैं। यदि आप पहले पानी पी चुके हैं, तो आपने शायद ही कभी उसकी गंध का अनुभव किया होगा। यदि कोई आपके पास से चाय का कप लेकर गुजरता है, तो आप चाय या कॉफी की गंध महसूस कर सकते हैं। यदि आपने पहले एक छोटा फूल देखा है, तो आप उसे आज फिर देखेंगे। आप इसे बहुत पहचान सकते हैं। इसका मतलब है कि आपकी सभी इंद्रियां अचानक बहुत सक्रिय हो जाती हैं, और चीजों को अवशोषित करने और प्रतिक्रिया देने की उनकी क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।"

 

  • उपवास के दौरान इंद्रियों की तीव्रता बढ़ जाती है।
     
  • सोचने की क्षमता और रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
     
  • यह एक अनूठा अनुभव है जो शारीरिक और मानसिक रूप से लाभप्रद है।

 

चतुर्मास और नवरात्रि: परंपरा और अनुशासन का संगम 🙏

प्रधानमंत्री मोदी प्राचीन भारतीय परंपराओं का पालन करते हैं। वे चतुर्मास में, जो आषाढ़ एकादशी से शुरू होकर दिवाली तक चलता है, 24 घंटे में केवल एक बार भोजन करते हैं। इसके अलावा, वे नवरात्रि में नौ दिनों तक केवल गर्म पानी पीते हैं और भोजन से पूरी तरह परहेज करते हैं।

🎨 "गर्म पानी पीना हमेशा से मेरी दिनचर्या का हिस्सा रहा है, और समय के साथ, मेरी जीवनशैली स्वाभाविक रूप से इस आदत के अनुकूल हो गई।"

 

  • चतुर्मास में 24 घंटे में केवल एक बार भोजन।

 

  • नवरात्रि में नौ दिनों तक केवल गर्म पानी।

 

  • चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक केवल एक प्रकार का फल।

 

केवल जानकारी नहीं, प्रेरणा का स्रोत 

यह लेख केवल जानकारी देने के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से प्रेरणा लेना है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि संयम, अनुशासन, और अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान हमें स्वस्थ और सक्रिय रख सकता है।

 

शारीरिक स्वास्थ्य से परे: मानसिक और आध्यात्मिक लाभ 

उपवास केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी फायदेमंद है। यह मन को शांत करता है, विचारों को स्पष्ट करता है, और हमें अपने भीतर की गहराई में उतरने का अवसर प्रदान करता है।

 

  • मानसिक स्पष्टता: उपवास के दौरान, शरीर भोजन को पचाने में कम ऊर्जा खर्च करता है, जिससे मस्तिष्क को अधिक ऊर्जा मिलती है और सोचने की क्षमता बेहतर होती है।

 

  • भावनात्मक स्थिरता: उपवास से मन शांत होता है और तनाव कम होता है, जिससे भावनात्मक स्थिरता में सुधार होता है।

 

  • आध्यात्मिक विकास: उपवास एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो हमें अपने भीतर के स्वयं से जुड़ने और जीवन के गहरे अर्थों को समझने में मदद करता है।

 

जीवनशैली में बदलाव: एक स्वस्थ भविष्य की ओर 🌿

प्रधानमंत्री मोदी का जीवन हमें यह भी सिखाता है कि स्वस्थ रहने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता है। हमें अपनी डाइट में संयम बरतना चाहिए, नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, और तनाव से दूर रहना चाहिए।

 

  • संतुलित आहार: स्वस्थ रहने के लिए हमें एक संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन शामिल हों।
     
  • नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

 

  • तनाव प्रबंधन: तनाव से दूर रहने के लिए हमें योग, ध्यान, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए।

 

अंत में: "स्वस्थ जीवन, सफल जीवन" 💪

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने अपने जीवन में संयम, अनुशासन, और अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान को महत्व दिया है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि स्वस्थ रहने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता है।

"स्वस्थ जीवन, सफल जीवन" - यही है प्रधानमंत्री मोदी का संदेश।

यह लेख आपको कैसा लगा, अपनी राय जरूर बताएं!

user